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आँसू
By Rashmi Mahish
आज आँख क्यों हैं भरी भरी
शायद सीने में हैं एक दर्द छिपी हुई
न हो सकेगा मेरा ये आँशिया भरी हुई
क्योंकि न रहा कोई एहसास मेरे दिल से जुड़ी हुई ।
लगता है अब तन्हाइयों से रिश्ता बन गया मेरा
आँसू न थमा पर हो गया अब सवेरा
सुना हो गया अब दिल का छोटा सा कमरा
बदल गये लम्हे अब हो गया वो पूराना ।
अभी भी न जाने क्यों बहती है आँखों से एक धारा
रुक - रुक कर बहती है पर मिलता नही उसे किनारा
दिल की धड़कन करने लगी है इंतजार दोबारा
आज नहीं तो कल पूरा होगा ये इंतजार हमारा ।
काश किस्मत भी होता मेहरबान हमारा
फिर न रोता दिल हर बार बेचारा
हो जाता जीवन खुशहाल हमारा
फिर कभी न बहती ये आँसु की धारा ।
By Rashmi Mahish