। चित्रफलक ।
- hashtagkalakar
- May 10, 2023
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By Kavita Batra
चित्रफलक पर उतार सके ,
ऐसी मनचाही तस्वीर वो रोज़ खींचती हे ,
चाहती हे कि मनपसंद रंग हो ,
एक पल के लिए ही सही मर्जी का सुकून हो ,
अपना मनचाहा आशियां बनाने को |
मुस्कराती हे बहुत अपनी उलझनों को छुपाने को ।
उडान भरती हे रोज़,
जो दायरे हें उन्हे निभाने को ,
रोज के कशमकश से गुजरती है ,
अपना मनचाहा आशियां बनाने को ।
चित्रफलक पर उतार सके ,
ऐसी मनचाही तस्वीर वो रोज़ खींचती हे ,
जिस में मनचाहा रंग हो, सुकून हो , और यह सब फलसफे से गुज़रती हे ,
सिर्फ एक अपना मनचाहा आशियां बनाने को ।
By Kavita Batra
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