By Anju Kalra
जब-जब मैं हौंसला खो देती हूँ,
बस अपने आस पास देखती हूँ ।
कुछ और भी हैं दीये टूटे हुए से,
उनकी मद्धम रोशनी को देखती हूँ ।
कुछ शाख़ से टूटे हुए पत्ते भी हैं ,
संग हवा के उनको उड़ता देखती हूँ ।
बन के भी कुछ कश्तियाँ जो चल ना पाई ,
बीच लहरों के उछलता देखती हूँ ।
कुछ तो होगी इनके होने की वज़ह भी ,
सोच कर ख़ुद को संभलता देखती हूँ ।
वो जो है सबको हर हाल में सम्भाले ,
उसको पल-पल साथ चलता देखती हूँ ।
By Anju Kalra
बहुत बढ़िया 👌🏼
Beautiful lines ❤️
Nice one lines ❤️🌹
Beautiful lines ❤️
Beautiful.. Falling short of words to praise!