By Ganesh Patel
हे ! प्रसून हे ! पुष्प राज
विशाल वन समूह के वन कुअर
सारी दुनिया के चित्तवृत्त
आकर्षक सुगन्धित मोहक मधुर
हे ! प्रसून हे ! पुष्प राज /१/
इश्वर भी तुमसे प्रसन्न
प्रेयसी का तुम मधुर तार/तान
तुम पर न्योछावर सकल काल
हे ! प्रसून हे ! पुष्प राज /२/
हर मन वन्दित तू हो जाता
जब शहीद की अंतिम यात्रा
में बिछाकर करता तू सुगम राह
हे ! प्रसून हे ! पुष्प राज /३/
महाकाल का तू श्रंगार
तुझ पर गर्वित ये धरा आज
तुझको नमन तुझ को नमस्कार
हे ! प्रसून हे ! पुष्प राज /४/
By Ganesh Patel
💥💥💥
Prasun sabd ko leke Puri kavita mein anokha rang dukh Raha hai
behatareen
Well done