By Shalabh Maheshwari
तुम कोई जादूगरनी हो
या मुझको ऐसा लगता है
मेरे ऊपर तेरा ना जाने
कैसा ये हक सा है
तू जो अच्छा कह देती है
वो अच्छा लगने लगता है
तेरे होंठो से निकला हर लव्ज भी
सच्चा लगने लगता है
मेरी खुशियां बेमानी हूई
अब बस तेरी ही खुशियों से यारी है
हर चीज तेरी मुझे प्यारी है
क्यों कि वो चीज तुम्हारी है।
तू जो भी बातें करती है
वो बातें अच्छी लगती हैं
तू दिन को रात भी कह दे तो
मुझको तो रात ही लगती है
इस सोच ने भी मेरा साथ छोड़ा
यह दिल भी यूँ मजबूर हुआ
जिस रोज से तेरा बना है ये
मुझसे कुछ ऐसा दूर हुआ
तेरी ही बातें करने लगा
ये कैसी अजब बिमारी है
हर चीज तेरी मुझे प्यारी है
क्यों कि वो चीज तुम्हारी है।
जब मैने तुमको देखा था
मुझको तुम अच्छी लगने लगी
और तुम भी मुझको चाहोगी
ऐसी तो मेरी सोच ना थी
अब तुम मुझसे बेज़ार हो चाहे
मैं तुम्हे भुला ना पाऊँगा
और तू मुझको चाहे ना चाहे
मैं फिर भी तुझको चाहुंगा
जो प्यार के बदले प्यार मांगे
वो इश्क नहीं दुनियादारी है
हर चीज तेरी मुझे प्यारी है
क्यों कि वो चीज तुम्हारी है
By Shalabh Maheshwari
Comentários