By Prerna Arora
वह कभी नहीं भूलता
मुझे देना रोज एक सुर्ख गुलाब का फूल
जानती हूं कि इजहार ए मोहब्बत
करने का उसका कोई इरादा नहीं
क्यूंकि अपनी भावनाओ को
सरे-आम करना उसको आता नहीं
फिर भी देता है वह मुझे रोज गुलाब
क्योंकि उसे पता है कि मुझे पसंद है
ताज़े गुलाब की खुशबू
रोज इसी तरह ताजा करता है
वह अपना प्रेम
जताता है और बताता है मुझे
कि दिल की गहराइयों से उसे
असीम मोहब्बत है मुझसे
और सोने,चांदी,हीरे के तोहफो को
दरकिनार करके
मैं भी रिझ जाती हूँ उसकी इस अदा पर
तोहफ़े दिल से दिल को दिए जाते हैं
दुनिया को दिखाने को नहीं
By Prerna Arora
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