श्रीरामप्रीत
- hashtagkalakar
- Dec 24, 2023
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Updated: Feb 14, 2024
By Deepak Mananda
लगी-लगी तुलसी, सी प्रीत मन में।
आओ राजा राम, मेरे हृदय भवन में।
हे धनुषधारी, मोहे तेरी कसम है।
छोड़ी है दुनिया, गम न शरम है।
राजा अवध के, मैं दीन भिखारी।
जन्मों का नाता, पुरानी है यारी।
प्रभु मेरे दिलवर, लाखों को तारा।
भक्त पुकारे, दयाल दुलारा।
दशरथ नंदन, रघुकुल वंदन।
में रम जाऊँ, सम जल-चन्दन।
साँवरे सलोने, चरण रज पाऊँ।
मंगल गाते हुए, माथे लगाऊँ।
राज्य सभा का, दर्शनाभिलाषी।
सिंहासनारुढ़ , मेरे देव अधिशासी।
ऋषि-मुनि -देव -जगत, करे अभिनन्दन।
बायें सिया, दायें लखन, मारुतनन्दन।
सर्वलोक राममय, रामराज्य धाम हो।
अवध नरेश का, मेरा दिल ठाम हो।
By Deepak Mananda