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शून्य....

By Vaibhav Joshi



सिफर, जीरो या शून्य मैं कहलाता हूँ,

जहाँ जुड़ जाऊं वहाँ का आलम बदल दूँ |

पीछे पड़ जाऊं तो कीमत बढ़ा दूँ,

हर काम की शुरुआत मुझसे ही होती है,

शुरुआत में जुड़ जाने से कीमत कम होती है |

मुझसे गुणा करके कीमत सिफर हो जाती है,

मुझसे भाग करके संख्या को नहीं जान सकते,

फिर भी लोग मुझसे हार नहीं मान सकते |


By Vaibhav Joshi



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