By TanuShree Patwa
माना की कुछ खामिया है मुझमें,
पर ऐसा तो नही की एक भी खूबी ना हो मुझमें।
माना की इतना भी लायक नही मै,
पर ऐसा तो नही की बिल्कुल नालायक मै।
माना की अपनी मर्जी चलाता हु मै,
पर ऐसा तो नही की तुम्हारी बात ना मानी हो मैंने।
माना की थोड़ा गुस्सा है मुझमें,
पर ऐसा तो नही की तुम्हारा गुस्सा संभाला ना हो मैंने।
माना की थोड़ा ना-समझ हूँ मै,
पर ऐसा तो नही की तुम्हारे अहसास समझे ना हो मैंने।
माना की सबर नही है मुझमें,
पर ऐसा तो नही की तुम्हरा इंतजार ना किया हो मैंने।
माना की उम्मीदें कुछ ज्यादा थी तुम्हारी,
पर ऐसा तो नही की तुम्हारी एक भी उम्मीद पर खरा नही उतरा मै।
माना की उतना सब कुछ नही दे पाया जितना मांगा तुमने,
पर ऐसा तो नही की पूरी शिद्दत से चाहा ना हो तुम्हे।
पर ऐसा तो नही की पूरी शिद्दत से चाहा ना हो तुम्हे।।
By TanuShree Patwa
Comments