लाड़ो
- Hashtag Kalakar
- Oct 14
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By R.Devika
मेरी नन्ही गुड़िया, मेरे ख्वाबों की परी,
मेरे हर इलाज की पुड़िया, मेरी जादुई छड़ी,
बिन तेरे तो रहती मेरी हर ख्वाहिश, हर आरज़ू अधूरी,
जैसे मेरी थमी हुई ज़िन्दगी में, तेरा आना था ज़रूरी,
सुना था मैंने, कि माँ बनना, दुनिया का सबसे अद्भुत अनुभव है,पर क्या पता था मुझे कि यह बस अनुभवों की शुरुआत है,
कोख में तेरी लात जैसे एक छाप सी छोड़ गई,
तुझे जन्म देने की तकलीफ में भी मैं मुस्कुराई, जैसे माँ दुर्गा की सारी शक्ति मुझ में समाई,
पहली बार तुझे गोद में उठाया तो ऐसा लगा,
सारा संसार सिमट कर मेरी बाहों में आया,
रुह के रिश्ते इतने मीठे भी हो सकते हैं,
यह तूने एहसास दिलाया,
तूने चलना सीखा, तो लगा मुझे कोई जन्नत मिल गया,
तेरी मासूमियत भरी हँसी से घर का हर आँगन, हर कोना खिल गया,
स्कूल का वो पहला दिन जब तुझे मेरे हाथों से छीन के अंदर ले जाया गया,
ऐसा लगा जैसे मेरे शरीर के किसी अंग को काट के मुझसे अलग कराया गया,
तेरी चीखती 'माँ - माँ' पुकारती हुई वो आवाज़, आज भी मेरे कानों में गूंजती है,घाव मानो अब भी भरा नहीं, जैसे कोई कटार बार - बार चुभती है।पलक झपकाते ही तू होने लगी बड़ी,
तेरी बातें सुनकर लगे, बेटी नहीं, सामने माँ है खड़ी।
ज़िन्दगी के कई सच मैंने तेरी नज़रों से देखे हैं,
खुद के लिए खड़ा होना, अपने लिए भी सोचना, यह तुझसे सीखे हैं,
भगवान करे तेरी झोली वो खुशियों से भर दे,
सही दिशा में उड़ने की क्षमता और हौसलों के पर दे,
पर लाड़ो, यह बात कभी ना भूलना कि,
विनम्रता ही श्रेष्ठता की पहचान है,
जो कभी भी अपना ईमान और ज़ुबान दाँव पर ना लगाए,
वो ही बेहतरीन इंसान है।
By R.Devika

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