By Kavita Batra
दुआओं का भी रंग हो,
प्रेम का भी रंग हो,
बरसाए ऐसा रंग जहाँ में,
जो हर हाल में खुशी के ही रंग हो।
हर रिश्ते का मान हो,
हर अह्सास का मोल हो,
बरसाए ऐसा रंग जहाँ में,
हर बंधन में, अपनेपन का ही रंग हो।
ना किसी से बैर हो,
ना किसी से जलन हो,
बरसाए ऐसा रंग जहाँ में,
तू और मैं के अकेले सफर में, हम की कहानी के किस्से, बेमिसाल के ही रंग हो ।
By Kavita Batra
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