यार वक्त
- hashtagkalakar
- May 12, 2023
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By Nishant Saini
जब हौसले टूट जांदे,
जब उम्मीदें बिखर जांदी,
तब खड़ा होकर देख।
जब हथियार भी काम नी आंदे,
जब जीत भी करीब ना औंदी,
तब जंगे मैदान में उतर के देख।
जब साथ देने वाला कोई ना हो,
जब कंधा मिलान वाला कोई ना हो,
तो जरा अकेले लड़ कर देख।
जब सोर भी खामोश हो,
जब महफ़िल भी तन्हा आलम हो,
तब चीख और अपना जज्बा देख।
जब मिट्टी में मिल कर भी तू खड़ा हुआ हो,
जब टूटी समशीर से भी तू लड़ा हो,
जब अकेले तुझ में सौ का जज्बा भरा हो,
तब जंग ए मैदान में अपना जीत का मंजर देख।
By Nishant Saini
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