By Swapnil Vishwakarma
मेरा विश्वास हो तुम
मेरे जीने का आधार हो तुम
जीवन जीने की रीत हो तुम
प्रिये मेरी मन-प्रीत हो तुम
मेरा विश्वास हो तुम...
जो हर पल साथ निभाए, वो सखा बन जाओ
जीवन के हर मोड़ पर हाथ थाम मेरा
मेरे हमसफ़र हो जाओ
जिसके सामने चाँद की चाँदनी भी फीकी पड़ जाए,
वो सुंदरता की मूरत हो तुम
मेरा विश्वास हो तुम...
मैं छंद छोटा सा गीत का
संपूर्ण गीत का सार तुम
दिन तुम, रात तुम, ख्वाब तुम
मेरे हर दर्द का आराम तुम
पांच तत्वों से बना मैं केवल तन प्रिये
इस तन के मन में बसी प्राण तुम
और यदि मैं कृष्ण अपने जीवन का
तो इस कृष्ण की राधे तुम
मेरा विश्वास हो तुम
मेरे जीने का आधार हो तुम
जीवन जीने की रीत हो तुम
प्रिये मेरी मन-प्रीत हो तुम
मेरा विश्वास हो तुम...
By Swapnil Vishwakarma
❤❤❤
Very nice poem
Mera vishwas to wo tod ke chali gayi 😭
Baki likha mast hai aapne 😍
Very nicely written
Lovely 😍