- hashtagkalakar
बस एक और बोल आज के लिए
By Himanshu Angad Rai
बस एक और बोल आज के लिए,
मैं उसकी याद में लिखता हूँ।
अब सुरज चढ़ने को है,
मैं उसे पाने की एक और कोशीश करता हूँ।
उसका नज़ारा दिखता नहीं, मैं देखने को तरस गया,
मैं बंजर ज़मीन था वो मुझपर बादलों सा बरस गया।
वो बरसा है तो फसल तो अच्छी होगी,
मेरी ज़िंदगी पहले थोडी अच्छी थी अब और अच्छी होगी।
By Himanshu Angad Rai