By Srishti Gupta
फिर कभी जो मिलना तुम तो
बात वहीं पुरानी होंगी
कुछ नटखट सी बातें होंगी
थोड़ी बहुत शैतानी होंगी
एक टपरी की चाय के संग
बारिश की नन्हीं बूंदें होंगी।
जो दिलों में दस्तक देंगी
भींग जाओगे तुम भी पूरे
ख्वाहिशें फिर भी कम ना होंगी
फिर कभी जो मिलना तुम तो
किस्से सारे हम से होंगे
कुछ आँखें भी नम सी होंगी
कुछ कहानियां तुमसे होंगी
तुम जाने ना देना मुझको
रोक तो लोगे ना तुम मुझको?
फिर कभी जो मिलना तुम तो..!!
By Srishti Gupta
👌
Nice!!👏