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प्रेम-प्रीत

By Seema CK


तेरी मेरी प्रीत है गहरी,

मैं तुझ बिन रह ना पाऊं,

ये पीर प्रेम की है दुखदायी,

तेरे लिए हँस-हँस के सह जाऊं,

मिलन के उन चंद पलों को आत्मा में अपने सहेजकर,

विरह के भवसागर में मैं डूबती ही जाऊं,

बेचना जो चाहे तू मुझको,

तेरे लिए खुशी-खुशी बिक जाऊं,

इस जन्म में शायद नहीं होगा मिलन अपना,

इसलिए अगले जन्म के लिए हर क्षण भगवान को मनाऊं,

तेरा कोई सुधरा हुआ संशोधित रूप नहीं चाहिए मुझको,



मैं हर जन्म में इसी रूप में तुझको पाऊं,

मेरे हर श्वास को मैं तेरे नाम कर जाऊं,

तुझ पर मैं मेरा सब कुछ न्योछावर कर जाऊं,

ना जाने कितने जन्मों की मेरी तपस्या के बाद वो दिव्य क्षण आयेगा,

जब तेरे अंतर्मन में ये विचार आयेगा,

कि तू तो है ही मेरी काश मैं भी तेरा हो जाऊं,

दुआ है मेरी मैं हर जन्म में तेरी ही बनके आऊं,

मेरे भगवान मैं तुझपे पल-पल बलिहारी जाऊं,

मेरे भगवान मैं तेरे चरणों की धूल बन जाऊं !!


By Seema CK



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