top of page

प्रेम: एक तपस्या

By Seema CK


कृष्ण है स्रष्टा, तो राधा सृष्टि है सारी,

‘राधा-कृष्ण’-सी किस्मत मेरी ना लिख ए कृष्ण मुरारी,

विरह-वियोग की इस तपती हुई आग में तेरा मुझको यूँ धकेल के जाना,

मेरी हर उम्मीद को तेरा अपने साथ ले जाना,

राधा-कृष्ण भगवान थे जो सह गए, मैं इंसान हूँ, सह नहीं पाऊँगी,

तड़प-वेदना के इस भयंकर गर्त से मैं किसी भी जन्म में निकल नहीं पाऊँगी,

जीना मेरे वश की बात नहीं मगर शायद मैं मर भी नहीं पाऊँगी,

हद से ज़्यादा पीड़ा और वेदना महसूस होगी मुझे,

जीते-जी तो क्या, मरने के बाद भी मैं इस आग में तड़पती ही रह जाऊँगी,

ना तो भस्म करेगी मुझे, ना ज़िंदा ही छोड़ेगी,

वियोग की इस दहकती हुई आग में मेरी रूह पल-पल तड़पेगी,




जानती हूँ कि प्रेम की बड़ी ही दुर्गम और निर्जन राह चुनी है मैंने,

ताउम्र इस राह पर मैं अकेली ही रह जाऊँगी,

टूट चुकी हूँ, बिखर चुकी हूँ, हर पल तड़पूँगी,

मगर मैं मेरी तपस्या को अधूरी नहीं छोड़ूंगी,

भगवान है तू, दु:ख दे मुझे, हक बनता है तेरा,

ये संपूर्ण ब्रह्मांड झुक जाएगा, देख के तेरे प्रति शिद्दत और समर्पण मेरा,

सृष्टि गवाह बनेगी, ये मेरे प्रेम की पराकाष्ठा है,

और उस पराकाष्ठा से भी परे तेरे प्रति मेरी भक्ति, श्रद्धा, निष्ठा, आस्था है,

जितना परखना चाहे परख ले बंसी-धारी,

कृष्ण है स्रष्टा, तो राधा सृष्टि है सारी !!


By Seema CK




329 views132 comments

Recent Posts

See All

The Unfinished Chore

By Ambika jha Everything is now in balance Stands steady, holds its grace The furniture is dusted, teak wood glimmers all golden and fine...

The Art Of Letting Yourself Go

By T. Pratiksha Reddy If I were to be murdered, I’d ask my killer- “Will it make you happy? Because if it will Then I welcome death With...

A Symphony Veiled In Blight

By Praneet Sarkar In twilight's embrace, a tempest rages, Beneath the stars, our passion engages. With lips aflame, and eyes of frost, We...

132 Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
Unknown member
Oct 11, 2023

Outstanding

Like

Unknown member
Oct 11, 2023

Fantastic

Like

Unknown member
Oct 11, 2023

दिव्यता और प्रेम का एक सुन्दर मिश्रण

Like

Unknown member
Oct 11, 2023

Divinity and purity of

Like

Unknown member
Oct 11, 2023

That's called divine and pure

Like
bottom of page