By Ankita Sah
आज रात जब एक दिया जलाया मैने..
तो सामने एक दूसरा जलता हुआ पाया ।
उस दर्पण ने खामोशी से मुस्कुराते हुए,
उस एक रोशनी को दोगुना कर मुझे कुछ सिखाया ।
खुद जब प्रकाशमान हो जाते हो..
एक दीपक बन जाते हो..
वहां पर मत रुक जाना,
अपने आस-पास कई दिये जलाना ।
अपनी छाप दिलों में ऎसी छोर जाना,
कि हर वो इंसान जो तुमसे मिले रोशन हो जाए,
तुम्हारी परछाई नहीं, प्रतिबिम्ब बन जाये ।
By Ankita Sah
Loved this.
👏
Nice.
Brilliant! 🔆
Too good