By Banarasi
यूं ही नहीं टूटता पत्ता पेड़ से
उम्मीद उसे तोड़ देती है
खाख होने के लिए
धरती पे छोड़ देती है
हो गया जब विलीन दुनिया से
उम्मीद ही वापस धरती पे छोड़ देती है
उम्मीदों का चक्र ही
जीवन सवार देती है
उम्मीद का दामन
मानों बादलों भरा सावन
मिट्टी में वापस जीवन भर देता है
एक बार फिर पत्ता
उम्मीद का दामन थाम लेता है
पता से फूल,फूल से फल
फल से भोजन बनने चल देता है
उसके जीवन रास्ता
ये चक्र हमेशा लंबा कर देता है
फ़सा पत्ता चक्र जाल में
असल विलीनता को खो देता है
ऐ पत्ते तू भूल मत
तुझे अपने संग
पवन भी उड़ा लेता है
उड़ कर हवा में
मुसाफिर तू हो लेता है
देख रंग तू दुनिया के
रेगिस्तान पे पानी देता है
जीवन सवार लेता है
पत्ता!पत्ता बन लेता है
उम्मीद भरे इस चक्र को
एक पत्ता तोड़ देता है
जब पत्ता अपनी पहचान लेता है
हर बनारसी उससे पहचान लेता है
एक पत्ता भी पहचान अपनी
पूरे भारत को देता है।१।
By Banarasi
💐
अद्भुत
👏