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नमामि गंगे

Updated: Dec 21, 2023

By Geetanjali Mehra


जिसको धरती पे बुलाया भागीरथ की तपस्या ने

जिसको जटाओं में समाया शिव की प्रतिभा ने


जिसके वेग ने कम्पाया धरती और आकाश को

जिसके प्रकटय ने रोशन किया धरती के प्रकाश को

वो गंगा, कैसे मैली हो गई?

हां....कैसे मैली हो गई?


इठलाती और लहराती आई, थी पावन और पवित्र

लोग कहते हैं इसके जल से धुल जाते हैं चरित्र

वो गंगा, खुद, कैसे मैली हो गई?

हां....कैसे मैली हो गई?




 बिन सोचे बिन समझे सब आगे बढ़ते रहे

कुछ प्रगति कुछ धर्म के नाम, दुशित करते रहे

चढ़ गई बली ये अविरल धारा,

आज मिल के हर दिल ने पुकारा

देखो गंगा मैली हो गई--- हां गंगा मैली हो गई I



समय आ गया जब जागृति ही उपाय है

गंगा के उपकार चुकाने का यही नया अध्याय है

यही उस पावन अविरल का आखिरी न्याय है

नमामि गंगे, नमामि गंगे, हर हर गंगे, हर हर गंगे  I


By Geetanjali Mehra





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