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दिन भर हसने के बाद रात में क्यों रोते हो

By Himanshu Angad Rai



दिन भर हसने के बाद रात में क्यों रोते हो,

अपने घर का पता याद रखो बार-बार क्यों खोते हो।

इस कायनात में जिसको ढूँढते हो मिलेगा तो नहीं,

तुम आशिक हो जनाब अपनी कलम क्यों छोड़ते हो।।


By Himanshu Angad Rai



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