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तू हयात है

By Raj Modi


तू हयात है, हक़ीकत है लेकीन

वो हक़ीकत मेरे मुक़द्दर में है की नही

तू ख़्वाब है मेरी रातों का हसीन

तू ही बता दे उसका सहर है की नही


रोज़ गिर जाता हु आब ए सराब में

इस आश में की आज पानी है की नही

तेरी आंखों की बात है गर तो बता

डूब जायेंगे मक़सद-ए-ज़िंदगी है की नही



शरद में तेरी सुखी त्वचा के स्पर्श से

मालूम आया इल्म जिंदगी में है की नही

हरवक्त कंबल में तेज गरम सांसे है

बताओ तुम अलाव की ज़रूरत है कि नही


By Raj Modi



 
 
 

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