By Debasis Patro
दुनिया की मुश्किल से मत हारों तुम,
तुम वीर हो इतने से क्यों डरो तुम।
सबने किये हैं जुल्म तुमपे,
तुमने सहे कई घर चुप के।
आसुओं का समंदर तैर कर आये,
हर अग्नि परीक्षा में जीत पाये हो,
हर प्रहार से सोना प्रखर होता है,
हर तपन से और निखरता है।
हर परिस्थिती से लड़े हो,
तुम वीर हो क्यों डरो तुम।
ये हालात भी एक दिन गुजर जाएगा,
दुख का अंधेरा चीर के उल्लास फिर मुस्कुराएगा।
हर तरफ जीत का पर्चिम लहराएगा,
तुम पे होगा परमात्मा का छाया,
एक दिन जिंदगी तुम पे मेहरबानी दिखायेगा,
ये हालात एक दिन गुजर ही जाएगा।
दुनिया की इम्तिहानों से ना हारों,
तुम वीर हो क्यों डरो तुम।।
By Debasis Patro
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