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झोला खाली है और खाली ही रहेगा..

By Harsha Pungliya


ज़िंदगी की हजूरी जिंदगी ने बताई,

 अपनों की कहानी ने अपनी ही जिंदगी बिताई,

 मशरूफ रहते हैं यहाँ सभी अपने,

 ओर अपनों की बातों ने ही ज़िंदादिली बताई..


 जब भी उससे पूछा जाता क्या है तुम्हारे पास,

 वो कहती झोला खाली है और खाली ही रहेगा,

 उसकी ये बातें कभी समझ न आती है..


 इंसान अपना सबकुछ गंवा बैठता है,

 बस अपने ईमान को कभी नहीं छोड़ता,

लोग पूछते क्या कमाया तुमने,

इंसान निशब्द होकर मुस्कुरा जाता है..


भले ही मेरी सवारी पर सवार ना होना,

किंतु मेरी सवारी को रोकना मत,

क्या क्या खोती जा रही हूं मैं इस बात की गवाही मत देना,

क्योंकि इस बात का आकलन में नहीं करती..


झोला खाली है और खाली ही रहेगा..


लफ्ज़ों के माइनों को आकार दे देंगे,

हम खुद को सच्चाई के नाम कर देंगे,

यदि पूछोगे हमसे हमारी वफादारी,

तो जिंदगी को हम सच्चाई के नाम लिख देंगे..


दो मंजर के जमाने की है जिंदगी

सच्चाई के आकलन पर टिकी है जिंदगी,

क्या है जो हम पा लेंगे,

क्या है जो हम खो देंगे..


आखिर में यही कहूंगी,

झोला खाली है और खाली ही रहेगा..


By Harsha Pungliya

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