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ज़िंदगी का सफ़र

By Neeru Walia


वक्त के हर लम्हें पर लगा साઁसों का पहरा है,

जो पल गुज़र रहा ,वही बस तेरा है।

जो क्षण बीत गए, वे लौट कर न आएઁगे,

चार दिन की ज़िंदगानी है, ज़रा संयम से काम ले।


माना कि मेहनत से किस्मत के सितारे बदल जायेंगे,

लेकिन खुद से मिलने के लिए खुद को भी तो विराम दे।



ज़िंदगी की इस जंग में तू कहाઁ अकेला है,

मां-बाप की दुआओं का तेरे संग मेला है।

दुनिया की इस भीड़ में हर कोई अकेला है ,

खुद पर विश्वास रख जब तू कदम बढ़ाएगा,

आशा का दामन थाम कर, दूर तलक निकल जाएगा।

आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प ,तुझे तेरी मंजिल तक पहुंचाएंगे।


जिंदगी के इस हसीन सफर में ,तेरे कर्म ही तेरी पहचान बनाएंगे।

भूलो मत ,ज़िंदगी एक परीक्षा है,

संसार रूपी कर्म स्थली में हर कोई अपनी भूमिका निभाता है,

और जीवन के हर पल नया इतिहास रचाता है,

जीवन के हर पल नया इतिहास रचाता है।


By Neeru Walia






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