By Deepak Sharma
जिंदगी तू है , इक प्यारा सा ख्वाब | मुश्किल और अनसुलझे सवालो का इक प्यारा सा जवाब ||
तुझसे इश्क तब हुआ , मेरे मन का जब हुआ | सपनो में गजब का सुकून था , न जाने सवेरा कब हुआ ||
जब कभी ये एहसास हुआ , जिंदगी तुझे जान लिया | मुस्कुराते हुए जिंदगी ने , फिर एक नया इम्तिहान लिया ||
कभी हार की मायूसी , कभी जीत का एहसास | कभी लगती है राख सी ,कभी सोने सी ख़ास ||
कभी लगता है इस भीड़ में , हम सब कुछ ख़ास है | लेकिन शायद इसी वजह ,आज हम उदास है ||
नए लोगो से मिलती है , नए ख्वाब दिखती है | जिंदगी तू कमाल है , हर पल जीना सिखाती है ||
हर कोई जिंदगी में , रिवर्स बटन चाहता है | पर फिर खुद को धोखा देकर , वही गलती दोहराता है ||
लाखो की इस भीड़ में , हर शख्स ही कमजोर है | चेहरे पर खामोशी है ,और दिल में कितना शोर है ||
आज जी लेते है ये सोचकर , शायद कल कुछ ख़ास होगा | जो लम्हा आज जी न सके , शायद कल वो पास होगा ||
कभी मुस्कुराती हुई सुबह , कभी ख़ामोशी भरी शाम है | गिरना उठाना चलते रहना जीना इसी का नाम है ||
By Deepak Sharma
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