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जिंदगी

Updated: Apr 5

By Deepak Sharma


जिंदगी तू है , इक प्यारा सा ख्वाब | मुश्किल और अनसुलझे सवालो का इक प्यारा सा जवाब ||

तुझसे इश्क तब हुआ , मेरे मन का जब हुआ | सपनो में गजब का सुकून था , न जाने सवेरा कब हुआ ||

जब कभी ये एहसास हुआ , जिंदगी तुझे जान लिया | मुस्कुराते हुए जिंदगी ने , फिर एक नया इम्तिहान लिया ||

कभी हार की मायूसी , कभी जीत का एहसास | कभी लगती है राख सी ,कभी सोने सी ख़ास ||


कभी लगता है इस भीड़ में , हम सब कुछ ख़ास है | लेकिन शायद इसी वजह ,आज हम उदास है ||

नए लोगो से मिलती है , नए ख्वाब दिखती है | जिंदगी तू कमाल है , हर पल जीना सिखाती है ||

हर कोई जिंदगी में , रिवर्स बटन चाहता है | पर फिर खुद को धोखा देकर , वही गलती दोहराता है ||

लाखो की इस भीड़ में , हर शख्स ही कमजोर है | चेहरे पर खामोशी है ,और दिल में कितना शोर है ||

आज जी लेते है ये सोचकर , शायद कल कुछ ख़ास होगा | जो लम्हा आज जी न सके , शायद कल वो पास होगा ||

कभी मुस्कुराती हुई सुबह , कभी ख़ामोशी भरी शाम है | गिरना उठाना चलते रहना जीना इसी का नाम है ||


By Deepak Sharma



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