By Anurag Saxena
चलो उसका सफर, आसान कर के देखते हैं
चलो खुद, को दान…. करके देखतेहैं।।
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** मैंने खुद को तौला इस महंगाई में,
चलो उसके दो मीठे-बोल का मोल
लगा कर देखते हैंI
बहुत खुदगर्ज हूँ, क्या जिंदगी में,
चलो उसका हौसला…..
बढ़ा के देखते हैं।।
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** हासिल, इंसा को रौँद के किया है
चलो इक बार खुदा से….
मांग के देखते हैंI
जलाया है रंजिशो में खुद को भी,
चलो उससे दिल-
लगाकर देखते हैंII
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**वो पसंद न था, मुझे एक-तीर के लिए
चलो उसका अक्स अपने-में
उतार के देखते हैंI
घिरा रहा है उलझनों में वो भी..
चलो उसके अश्क पर अपना…
नाम लिख के देखते हैं।।
By Anurag Saxena
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