गुलाब रस
- Hashtag Kalakar
- Oct 4
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By Agrima Bajpai
दूसरों की मुहब्बत में तोड़ा गया मुझे,
फिर पैरों तले कुचला भी गया,
हम दुनिया जहां के दिल में है बसते,
मिलते है तुमसे हम हरदम हस्ते हस्ते।
कुछ मेरी खुशबू को त्योहार में है उड़ाते,
कुछ उसे अंतिम सौगात में छोड़ जाते।
जुड़ने पर भी मै हूं, छूटने पर भी मै हूं,
यारों तेरे साथ हमेशा हमेशा के लिए मै हूं।
कुछ ने मुझे किताबों में सजाया,
और अपनी यादों का यार बनाया,
कुछ ने तस्वीरों पर भी लगाया,
पर फिर मैने उन्हें टूटा ही पाया।
मंदिर में भी मैं हूं, मस्जिद में भी मै हूं,
दर्द भी मै हूं, दवा भी मै हूं,
तुम मेरा नाम तो पुकारो,
खुशबू बन तेरी हवा में भी मै हूं।
By Agrima Bajpai

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