By Dr. Varsha Singh
ज्यादा नही, बस इतना ही प्यार है तुझसे
बिन देखे दिल ने जितना कह दिया था मुझसे
जब तेरी आँखों मे देखा था
एक मंजर वह भी अनोखा था
वो नज़र याद है आज भी
जो ख़यालों मे मिली थी मुझसे।
ज्यादा नही, बस इतना ही प्यार है तुझसे।
हाथों को तेरे जब छुआ था
हाँ, याद है, कुछ तो हुआ था
समझ गई, पहली बार तो नही
स्पर्श इन हाथों का हुआ जो मुझसे।
ज्यादा नही, बस इतना ही प्यार है तुझसे।
कह दूँ तो शर्मा मत जाना
वो करीब आकर होठो को छू जाना,
उस पल जो हुआ, वो याद है अब भी
जब सांसे यूं मिली थी मुझसे।
ज्यादा नही, बस इतना ही प्यार है तुझसे।
धड़का था एक शाम दिल बड़े जोर से,
दिल मेरा ही था, बस धड़का तेरी ओर से
ये एहसास जरूर कुछ नया था
वरना इतना कहाँ जुड़ा है तू मुझसे।
ज्यादा नही, बस इतना ही प्यार है तुझसे।
वो सुकून जो तेरे सीने पे सर रख के मिला,
न जाने ख़्वाबों मे कब से चल रहा सिलसिला
तेरे हरदम होने का एहसास यूं ही नही है
कुछ तो गहरा रिश्ता होगा ही मुझसे।
ज्यादा नही, बस इतना ही प्यार है तुझसे।
तेरे साथ बिताई उस रात की यादें,
हर क्षण लिपटे हुए हम और रातें
महसूस किया है तेरे स्पर्श को ख़यालों मे
बस यहीं तक रिश्ता नहीं है तेरा मुझसे
ज्यादा नही, बस इतना ही प्यार है तुझसे।
By Dr. Varsha Singh
Adorable words
felicitations
Wonderful...!
वाह वाह!! क्या बात Dr Varsha 👍🏼👍🏼
Nice lines Dr Varsha.Keep it up