By Ganesh Patel
कहो कोन से नियमो को
आदर्श बता तुम पाओगे
महावीर महारथी कर्ण से
अभिमन्यू को न्याय दिलाओगे \१\
ध्रतराष्ट्र के अंधे शासन में
हे! भीष्म सुनो क्या
पांडवो को अधिकार
दिला तुम पाओगे \२\
गुरु द्रोण क्या शिक्षक बनकर
योग्य शिष्य अर्जुन की
पत्नी को सम्मान
दिला तुम पाओगे \३\
देवव्रत के भीष्म रूप का
काम पाश में लिप्त शान्तनु
क्या न्याय तुम
कर पाओगे \४\
घ्रुत क्रीडा में द्रोपदी को
निर्वस्त्र किया गया
हे ! कृपाचार्य अब कैसे
आचार्य कहलाओगे \५\
अस्वसथामा हत्वा कहने वाले
गुरु हन्ता हे !युधिष्ठिर
इसके बाद भी
धर्म राज कहलाओगे \६\
बाट लो सामान सभी में
कहनेवाली हे! कुंती
द्रोपदी को कैसे
समझा पाओगे \७\
कर्ण की जननी
हे! मात सुनो
पांडव कौरव या कर्ण
किसको राज दिलाओगे \८\
अस्वस्थामा के अजन्मे
परीक्षित पर ब्रम्हास्त्र
प्रहार को हे! कौरवो
कैसे उचित ठहराओगे \९\
हे!कर्ण सुनो तुम
उपेक्षित रहे सदा
अपने स्वार्थ भुनाने को
मित्रता कैसे कह पाओगे\१०\
हे! कृष्ण
तुम नियम विरुद्ध
षडयंत्रो से विजय दिलाने
के कलंक से
कैसे बच पाओगे\११\
इससे तो अच्छा होता कि
तुम ईस रूप में ही आते
स्वम त्रेता को नष्ट करके
कलियुग को राह दिखाते \१२\
हे! मुरलीधर हे! जगत गुरु
अब कैसा सतयुग लाओगे
बीते युगों की तान बनोगे
या फिर नया संगीत सुनाओगे \१३\
By Ganesh Patel
So nice sir
Bahut khoob sir 👏🏼
Great line ♥️
Mahabharat ko naye nazariye se dekhne ko prerit krti kavita:)
Prerak lines sir