कहानी आँसुओं की
- Hashtag Kalakar
- Oct 3
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By Aarna Sandilya
क्या कभी सोचा है,
ये आँसू आँखों में आते क्यों हैं।
मैं बताती हूँ,
ये तुम्हारे हमदर्द बनके आते हैं।
जानते हैं तुम सह ना पाओगे इसे ज़्यादा,
इसलिए सब धुंधला कर जाते हैं।
रातों की तन्हाई में साथ निभाने आते हैं,
जब सब तुम्हें छोड़ चले जाते हैं,
तब ये तुम्हारे गालों को सहलाते हैं।
पर हाँ,
अपने इस हमदर्द को सम्भाल के रखना,
ये सबके नसीब में नहीं आते हैं।
By Aarna Sandilya

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