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एक समझदारी

By Ankita


जिनको खुश रखने क लिए मर रहे है

वो एक पल नहीं लगाएंगे भूलने में

यादें और नाम भी घुल जायेंगे वक़्त के साथ

और हम भटकते रहेंगे

अपनी ही तलाश में,

फिर मांगना एक और मौका ज़िंदगी का

और फिर से भूल जाना सब कुछ

किसी की सूरत देखके,

फिर से झूठ जीना

हंसन... मुस्कुराना

मगर तड़पते, सड़ते रहना भीतर से,


जब मरने लगो फिर से एक बार

तो कोई समझदारी ना दिखाना

पागल हो तो पागल बने रहना

कोई इलाज ना कराना,

ये डॉक्टर भोत जालिम है

ये खाल सील देंगे

कोई दवा नहीं देंगे

ये ज़िंदा तो रखेंगे

मगर जीने नहीं देंगे।


By Ankita




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