top of page

एक कहानी सुनोगे?

By Ayushi Biswas


Spoiler alert- ये कहानी काफी बोरिंग होने वाली है| क्योंकि ये एक साधारण नायिका की अति साधारण कहानी है, जो नहीं कोई #कलाकार। यह है मेरी कहानी।

कद-काठी से दिखती बिल्कुल Doraemon के जैसी। लेकिन हालत Nobita के जैसी। या कहे Jethalal के जैसी। 

आज के hyper competitive खरगोशों की दुनिया में रहने वाली एक under-achiever कछुआ। Unemployed और unmarried। जो society norms के अनुसार काफी पीछे रह गई है। वो कैसे? वो ऐसे…

न हूँ school- college topper,न हूँ कोई hotshot entrepreneur। न हूँ कोई popular social media influencer और न super talented vlogger जिसको हर एक पल  बस record करने पर ही ध्यान रहे।  Instagram reels … हमसे न हो पाएगा…. पापा की परी बनना तो वो अपने-आप में अलग किस्सा है… वो है एक अलग struggle.

जी हां यह है मेरी eventful life…

पर क्या आप जानते  हैं सबके अलावा मैं  एक और कला में फिसड्डी हूं। और वो है हार मानने की कला । ऐसा पहले भी हुआ है। की मैं कहीं पीछे रह गयी। लेकिन। मैं खुद को फिर से उठाती। और फिर से एक और बार कोशिश करने में लग जाती। हाँ। तो यही पता चलता है कि मैं बहुत जिद्दी हूँ। मैं भले ही बार बार। गिर भी जाऊँ , लेकिन एक जगह रह जाना मुझे मंजूर नहीं। गिरूंगी लेकिन फिर try मारूँगी। ऐसा नहीं है कि मुझ हर बार हमेशा हिम्मत ही रहता है। रोई भी हूँ। अपनों का साथ छोड़ते हुए भी देखी हूँ। अकेले  भी पड़ी हूँ। डर भी लगा है, आंसू  बहुत बहे हैं। खुद पर बहुत शक की है कि क्या मैं सच में अपने सपने साकार कर सकती हूँ? बस उसी वक्त आंखें बंद हो जाती है। और दिखता है, सबसे इम्पोर्टेंट इंसान का चेहरा- मेरी माँ का। जो आज भले ही अपने  चुनौतियों से लड़ रहीं है हर दिन लेकिन अपने बच्चों की प्रगति की हर दिन  प्रार्थना करती रहती है। और फिर दिखता है मेरे कुछ अपने चाहने वालों के चेहरे जो मुझे हर पल cheer करते हैं साथ में दिखते हैं- मेरे सपने। और जब भी मैं अपने सपनों को देखती हूँ, जब मैं अपने लक्ष्य को देखती हूँ ,तो मुझे अहसास होता है कि मेरे वही सारे लक्ष्य, वही सारे सपने हैं जो मेरी जिंदगी को बनाती है और यही सारे शब्द मेरे सपने, मेरे डर और शक के सामने बड़े लगने लगते हैं हावी होने लगते हैं तो उससे एक और बार फिर से कोशिश करने की हिम्मत फिर से  जाग उठती है। और ऊपर वाले पर एक यकीन भी रहता है। यही सब होने के कारण मेरे मन में यह विश्वास ज़िंदा रहती है कि चलो आयुषी एक और बार कोशिश कर ही लेते हैं। गिरेंगे तो क्या हुआ? एक बार फिर से उठ जाएंगे क्योंकि हममे सच में बहुत ताकत है अपने सपनों को साकार करने। 


बस। यही है मेरी छोटी सी दुनिया की ये छोटी सी कहानी । आपने इसको इतने ध्यान से, इतने प्यार से सुना उसके लिए मैं दिल से आपका बहुत बहुत धन्यवाद करती हूँ। आप सब अपना ख्याल रखें और अपने सपनों को खुशी-खुशी, हिम्मत के साथ साकार करते रहे। और मैं भी चली अपने सपनों को साकार करने। आखिर में आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद।


By Ayushi Biswas


5 views0 comments

Recent Posts

See All

The Belt

The Potrait

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
SIGN UP AND STAY UPDATED!

Thanks for submitting!

  • Grey Twitter Icon
  • Grey LinkedIn Icon
  • Grey Facebook Icon

© 2024 by Hashtag Kalakar

bottom of page