top of page

एक उम्र की गुज़ारिश

Updated: Sep 13, 2023

By Shivani Sharma



एक उम्र की गुज़ारिश न कर

इस तकाज़े से मैं डरती हूँ

मैं तो पलों की मोहताज़, मोहब्बत हूँ

पलों में जीती हूँ, पलों में मरती हूँ।


कभी जुनून से नापा मुझे, कभी सुकून से तोला

कभी आँखों में तलाशा मुझे, कभी शब्दों में टटोला

इसी जुस्तजू में, होने-ना-होने के फासले तय करती हूँ

पलों में जीती हूँ, पलों में मरती हूँ।



कभी ख़ुदा माना मुझे, कभी अपने ग़मों की वजह

कभी लबों की हँसी समझा, कभी एक सज़ा

इक उम्र में कई बार इस पैमाने से गुज़रती हूँ,

पलों में जीती हूँ, पलों में मरती हूँ।


तो, एक उम्र की गुज़ारिश न कर पलों का ही हिसाब ले

उम्र की फितरत फ़रेबी है तू न इसके ख़्वाब दे

पलों को सवार ले, यही आह भरती हूँ,

मोहब्बत हूँ, पलों में जीती हूँ पलों में मरती हूँ।


By Shivani Sharma



63 views2 comments

Recent Posts

See All

Ishq

By Udita Jain मै अंक शास्त्र की किताब जैसी समझ नही आये मेरे इश्क़ का मोल !! जितना सुलझाओ उतनी उलझन हू मैं तेरे दिल की एक अजीब सी धड़कन हू...

The Unfinished Chore

By Ambika jha Everything is now in balance Stands steady, holds its grace The furniture is dusted, teak wood glimmers all golden and fine...

2 comentários

Avaliado com 0 de 5 estrelas.
Ainda sem avaliações

Adicione uma avaliação
Shailesh Kumar
Shailesh Kumar
28 de set. de 2023
Avaliado com 5 de 5 estrelas.

Beautiful!

Curtir

priyaldankway
28 de set. de 2023
Avaliado com 5 de 5 estrelas.

sundar 😻

Curtir
bottom of page