By Suniti Sahoo
ए जी सुनते हो
महंगाई बढ़ गई है
दाम सुनो फिर हिसाब लगाना
पहले से जमाना कितना बदल गया है
दस रुपए किलो गम
पांच रुपए किलो आंसू
सात रुपए किलो धोका
आठ रुपए किलो वेदना
नौ रुपए किलो परेशानी
ध्यान से सुने की नहीं
कितने सस्ते हैं ये चीज
एक चीज मिली ही नहीं
जो भी था वो बस पैसे वालों के हिस्से में
फिर भी उधार लेके थोड़ी सी लाई हूं
संभल के रखना
क्या है वो,, जरा हमें भी सुनाइए
सुनोगे....…..
उधार की हंसी....…...
By Suniti Sahoo
Superb
outstanding gazam ki kalam hai aapki.
Awesome one
Bahut khubsurat
Nice