By Banarasi
उदासी कहती ख़ामोशी से
तू खामोश क्यों है
कहां गया तेरा वजूद
तू बेहोश क्यूं है।
खामोशी बोली उदासी से
मेरी खामोशी से
तू उदास क्यों है
एक तू ही तो लाई मुझको
फिर ये सवाल क्यों है।
तेरी उदासी है बताती
तेरे पास सवाल बहुत है
ढूंढ ले पहले तू अपना वजूद
दे दे अपने इस उदासी का सबूत
तब पूछना मुझसे
इससे पहले ये बता तू उदास क्यों है।
हम दोनो ही एक नाव की सवारी
पहले तू फिर मेरी बारी
तू साथ लाती रात अंधियारी
में छीन लेती खुशियां सारी।
तू बड़ी या मैं बड़ी
इससे किसी को क्या पड़ी
तू रुलाती कठोर बनाती
मैं शोर में भी शांति फैलाती
हम दोनो ही बहनें
लोगों को लड़ने का सबक सिखाती।
By Banarasi
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