By Mogal Jilani
यूं तो कुछ था नही विरान थी मेरी ज़िन्दगी
बस यूं हुआ कि वो गुजरे और नूर हो गया
फिर एक तलाश थी के वो मिल जाएगी कहीं
और एक आस थी कि वो मिल जायेगी यहीं
इस आस और तलाश में, मैं पुरजोश हो गया
बस बात इतनी सी थी और मैं पुरनूर हो गया
यूं तो कुछ था नही विरान थी मेरी ज़िन्दगी
बस यूं हुआ कि वो गुजरे और नूर हो गया
By Mogal Jilani
Good
Supar Aaah he Aap ki janab
Aap ke kary me aap ki kary shilta najar aati he
AAP
Ek Saccha En Yahi Karta He
Vo Hamesha Khamosh Lot jata He
Accha Kiya Aapne