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आज अगर गालिब होते

Updated: Sep 16, 2023

By Falguni Saini



आज के ज़माने के प्यार को देखकर अगर

गालिब लिखते तो क्या लिखते?

प्यार में पड़ने को तैयार, बेचैन आशिकों को देखकर

कुछ कहते तो क्या कहते?

सिर्फ चिटकी उंगली थाम लेने से

जीवन भर के लिए अपना मान लेने वाले,

यूं अगर आज उंगली के इशारे से किसी अनजान

में साथी खोजता देखते तो क्या सोचते?

एक बार दिल टूटने पर रोने वालों को

खुद सौ बार औरों का दिल तोड़ते देखते

तो कैसे कहते कि

मान लिया है अपना जिन्हें

उन्हीं से शाम और सुबह होगी।

उम्र बिता देंगे उनके बगैर

न दूसरी हमसे बिरह होगी।




जिस्मों के इस मेले में

हम रूह की तलाश करते हैं।

वो साथ हों या न हों

उनके लम्हे याद रखते हैं।

तो भले ही लगें ये बातें पुरानी,

मगर आज भी उन्हें देखकर

हम खुदा से बात करते हैं।

शायद अगर गालिब होते तो कुछ ऐसे ही लिखते,

कि सच्चा प्यार करने वाले यूं कौड़ियों में नहीं बिकते।

मन में जिनके प्रेम होता है,

उनके चेहरे ऐसे खौफनाक नहीं दिखते।

हाथ तो दोनों को ही बढ़ाने होंगे,

क्योंकि प्यार के रिश्ते यूं उंगलियों पर नहीं टिकते।


By Falguni Saini




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