By Neeru Walia
अपनों की तलाश में ,दूर तक निकल गए ,
उनको खोजते- खोजते खुद ही भटक गए ।
धन -दौलत के नशे में वे इस कदर चूर थे ,
कि हमारे एहसास भी उनके सामने बौने पड़ गए।
रिश्ते निभाने में न जाने क्या कमी रह गई ,
दुनिया की चकाचौंध में जैसे हंसी दफन हुई।
ऐसी दरार आई कि जो आइने में भी धुंधली दिखी,
जीवन की हर सांस जैसे बोझ बन गई ।
अपनों की खातिर खुद को इतना भी न गिरा पाएंगे,
कि दूसरों को खुश करते करते अपने जमीर से डगमगाएं ।
यह जीवन ईश्वर का अनमोल वरदान,
जिंदादिली के साथ इसका भरपूर लुत्फ उठाएंगे।
अपनों की तलाश में अब दूर तलक न जाएंगे ,
अपनों की तलाश में अब दूर तलक न जाएंगे ।
By Neeru Walia
reality of life
true
nice
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