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अपनों की भीड़ में

By Neeru Walia


अपनों की तलाश में ,दूर तक निकल गए ,

उनको खोजते- खोजते खुद ही भटक गए ।

धन -दौलत के नशे में वे इस कदर चूर थे ,

कि हमारे एहसास भी उनके सामने बौने पड़ गए।


रिश्ते निभाने में न जाने क्या कमी रह गई ,

दुनिया की चकाचौंध में जैसे हंसी दफन हुई।

ऐसी दरार आई कि जो आइने में भी धुंधली दिखी,

जीवन की हर सांस जैसे बोझ बन गई ।



अपनों की खातिर खुद को इतना भी न गिरा पाएंगे,

कि दूसरों को खुश करते करते अपने जमीर से डगमगाएं ।


यह जीवन ईश्वर का अनमोल वरदान,

जिंदादिली के साथ इसका भरपूर लुत्फ उठाएंगे।


अपनों की तलाश में अब दूर तलक न जाएंगे ,

अपनों की तलाश में अब दूर तलक न जाएंगे ।


By Neeru Walia





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6件のコメント

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Vikash K
Vikash K
2023年9月24日
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reality of life

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Simran Kaur
Simran Kaur
2023年9月24日
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true

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Rahul Jain
Rahul Jain
2023年9月24日
5つ星のうち5と評価されています。

nice

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Inderjit kaur
Inderjit kaur
2023年9月24日
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nice


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Goldy Walia
Goldy Walia
2023年9月24日
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