"ख़ुदा नाराज़"
By ZafarAli Memon कमाल है कमाल है मज़हब की बात पर क्यूँ उठ रहे सवाल है बेहाल है बेहाल है सब मकड़ियों के जाल है दुनिया में रहना भी अब बहुत...
"ख़ुदा नाराज़"
“मशवरा”
“कोई नहीं समझता”
“पहला इश्क़”
“बन्दा और ख़ुदा”
“तुम हो”
Patte
Shararat
Lifafa